Wednesday, 14 September 2011

Jai Baba Puranmal

राजा द्वारा बाबा पूरनमल को मृत्युदंड देने के लिए जल्लाद  उन्हें पकड़ कर वीरान जंगल में ले गया/ राजकुमार के मुख को देख कर उसका मन भर आया और राजकुमार को जान से न मार कर केवल हाथ पैर घायल करके एक कुएं में डाल दिया/ और राजा को बता दिया की उसने राजकुमार को मार दिया/
बोल बाबा पूरनमल की जय 

Wednesday, 7 September 2011

Jai Baba Puranmal

बारह वर्ष पूरे होने पर पूरण अपने पिता से मिले/ राजा ने उन्हें अपनी माताओ से मिलने को कहा/ वो न्यूना दे रानी के पास गये/ रानी अपने सुंदर, सुशील, सोतेले बेटे को देख कर जल भून गयी/ रानी उसे अपने पास रखना चाहती थी/ पर वो अपनी माँ के पास चले गये/ तब रानी ने पूरण पर चरित्रहीन का आरोप लगा कर मृत्युदंड का आदेश दे दिया/