राजा द्वारा बाबा पूरनमल को मृत्युदंड देने के लिए जल्लाद उन्हें पकड़ कर वीरान जंगल में ले गया/ राजकुमार के मुख को देख कर उसका मन भर आया और राजकुमार को जान से न मार कर केवल हाथ पैर घायल करके एक कुएं में डाल दिया/ और राजा को बता दिया की उसने राजकुमार को मार दिया/
बोल बाबा पूरनमल की जय
